ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बनाई मलेरिया की नई दवा

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बनाई मलेरिया की नई दवा

हर वर्ष पूरी दुनिया में करीब 20 करोड़ लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं और इनमें से कई की तो इस बीमारी से मौत भी हो जाती है। मलेरिया की वर्तमान में मौजूद दवा और धीरे-धीरे बेअसर होती जा रही है। ऐसे में मलेरिया के रोगियों के लिए उम्‍मीद की खबर ब्रिटेन से आई है। दरअसल मलेरिया के इलाज और उसकी रोकथाम के लिए ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नई दवा विकसित की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस दवा से मलेरिया के परजीवी को उसके जीवनचक्र के किसी भी चरण में मारा जा सकता है। साथ ही यह दवा मलेरिया के इलाज में भी बहुत कारगर साबित होगी। इससे संबंधित शोध एक साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू टोबिन ने किया है। यह दवा प्लास्मोडियम प्रवाहित करने वाले मच्छरों को मारती है। प्लास्मोडियम प्रोटोजोआ संघ का वह प्राणी है जो मनुष्य में मलेरिया रोग उत्पन्न करता है। यह परजीवी मच्छर के माध्यम से मानव शरीर में लिवर और लाल रुधिर कोशिकाओं में पहुंच जाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि नई दवा मानव शरीर में कहीं भी मौजूद इस परजीवी को मारने में सक्षम है।

ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टोबिन ने बताया कि शोधकर्ताओं का यह कदम मलेरिया उन्मूलन में प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि परजीवी को उसके विकास के विभिन्न चरणों में मारकर हम न केवल मलेरिया का इलाज कर रहे हैं, बल्कि उसे फैलने से भी रोक रहे हैं। यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर, फार्मास्यूटिकल कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड आदि के सहयोग से किया गया है।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।